SC की सख्ती से झुकी केंद्र सरकार, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में नहीं होगा कोई निर्माण, शिलान्यास को मंजूरी

Source – NDTV

नए संसद भवन के निर्माण वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को सख्त रुख एख्तियार किया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला न सुना दे, तब तक कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नही होनी चाहिए.  अदालत ने सालिसिटर जनरल से पूछा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आगे इसपर कोई काम नहीं होना चाहिए. शिलान्यास से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कोई निर्माण का काम आगे नही होना चाहिए. 

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से केंद्र सरकार झुक गई है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में कोई निर्माण नहीं होगा. केंद्र ने अदालत में कहा कि सिर्फ शिलान्यास करेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ नहीं काटेंगे. शुरुआत में ही कोर्ट ने बोल दिया था कि हम स्टे नहीं दे रहे हैं, लेकिन आप जो भी करेंगे वो हमारे आदेशों के अधीन होगा. बेहतर होगा कि आप इस मुद्दे पर ध्यान रखें. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि केंद्र कागजी कार्रवाई के साथ आगे बढ़ सकता है, लेकिन एक बार जब ढांचा खड़ा हो गया तो पुरानी स्थिति बहाल करना मुश्किल हो जाएगा. 

20 हजार करोड का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. SC ने केंद्र सरकार से कहा कि हमने इस मामले को सूचीबद्ध किया है क्योंकि कुछ डवलपमेंट पब्लिक डोमेन में आया है. ये सही है कि प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर चीज के साथ आगे बढ़ सकते हैं. 

कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, “हमें उम्मीद थी कि आप कागजी कार्रवाई आदि के साथ आगे बढ़ेंगे, लेकिन इतनी आक्रामक तरीके से आगे नहीं बढ़ेंगे कि आप निर्माण शुरू कर देंगे. कोई स्टे नहीं है इसका मतलब यह नहीं है कि आप निर्माण शुरू कर सकते हैं. हमने कोई स्पष्ट रोक आदेश पारित नहीं किया क्योंकि हमें लगा कि आप विवेकशील हैं और आप न्यायालय के प्रति उदासीनता नहीं दिखाएंगे.”

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को अपना पक्ष रखने के लिए 5 मिनट का समय दिया. कोर्ट ने कहा कि पांच मिनट में जवाब दें या हम आदेश को पारित करेंगे. इसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सिर्फ शिलान्यास करेंगे. किसी तरह का निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ नहीं काटेंगे.

10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का शिलान्यास प्रस्तावित है. 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था  कि 20 हजार करोड़ रुपये के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पैसे की बर्बादी नहीं है, बल्कि इससे पैसों की बचत होगी. इस प्रोजेक्ट से सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपये की बचत होगी, जो फिलहाल दस इमारतों में चल रहे मंत्रालयों के किराये पर खर्च होते हैं. साथ ही इस प्रोजेक्ट से मंत्रालयों के बीच समन्वय में भी सुधार होगा. 

Photograph Credits : PTI

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here