MP: फ्रीडम ऑफ रिलीजन के ड्राफ्ट को CM की सहमति, दोषियों को होगी 5-10 साल की सजा

Source – Livehindustan

श के कई राज्यों में लव जिहाद के खिलाफ कानून या तो बन चुके हैं या बनने की तैयारी में हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम में सख्त प्रावधान करने जा रही है। सरकार ने इसमें एक और प्रावधान जोड़ दिया है, जिसके तहत 2 या इससे अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के दोषियों को 5 से 10 साल तक की सजा और 1 लाख का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।

इस प्रस्तावित बिल को लेकर शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें बिल के प्रावधानों को लेकर मंथन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अब किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर शादी कर या षडयंत्र कर धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए तैयार किए जा रहे कानून में सख्त प्रावधान हैं।

लव जिहाद को रोकने के लिए लाए जा रहे धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 के ड्रॉफ्ट में संशोधन करके उसे और सख्त बनाया जा रहा है। लव जिहाद की शिकार पीड़ित महिला का यदि बच्चा पैदा हो जाता है तो दोनों को न केवल भरण-पोषण का अधिकार होगा, बल्कि पिता की संपत्ति में बच्चा उत्तराधिकारी बनेगा। इतना ही नहीं, ऐसे केस की शिकायत आने पर सब इंस्पेक्टर से नीचे के स्तर के अधिकारी जांच नहीं कर सकेंगे और सेशन कोर्ट में ही उसकी सुनवाई होगी।

माता-पिता की शिकायत पर हो जाएगा केस दर्ज

प्रस्तावित बिल में प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है, तो पीड़ित के माता-पिता या सगे संबंधी भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। ऐसी शिकायत पर पुलिस आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करेगी। ऐसे मामले में अपराध गैर जमानती होगा।

एसआई रैंक से नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा जांच

कानून का सख्ती से पालन कराने और जांच सही तरीके से किए जाने के लिए बिल में प्रावधान किया गया है कि ऐसे मामलों की जांच सब इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के पुलिस अधिकारी नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, धर्मातंतरण नहीं किया गया है, यह साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी की होगी। जो विवाह धर्म परिवर्तन की नियत से किया गया होगा, वह शून्य घोषित हो जाएगा। इसके लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन करना होगा।

सजा के प्रावधान

अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 1 से 5 साल तक की सजा व 25 हजार का जुर्माना होगा। नाबालिग, महिला, एससी-एसटी के मामले में 2 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 3 से 10 साल की सजा व 50 हजार जुर्माना होगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 साल तक की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

यह कहती है धारा-03

प्रस्तावित बिल की धारा 03 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का षडयंत्र नहीं करेगा।

धर्म परिवर्तन के पूर्व घोषणा

प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन की मंशा रखने वाले व्यक्ति और धार्मिक पुजारी या व्यक्ति, जो धर्म परिवर्तन आयोजित करने का आशय रखता हो को, उस‍ जिले के जिला मजिस्ट्रेट को एक माह पूर्व घोषणा पत्र/सूचना पत्र देना अनिवार्य होगा।

दंड के प्रावधान

किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा तीन का उल्लंघन करने पर एक से पांच वर्ष का कारावास व कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना। नाबालिग, महिला, अजा, अजजा के प्रकरण में दो से 10 वर्ष तक का कारावास तथा कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना। अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर तीन से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना। सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर पांच से 10 वर्ष का कारावास एवं कम से कम एक लाख रुपए जुर्माना।

Photograph Credits : ThePrint

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