
Source – Bhasha
नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers’ Protests) पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगातार टिप्पणियां आ रही हैं. अब अमेरिकी विदेश मंत्रालय (US State Department) की ओर से भी इस मुद्दे पर बुधवार को एक बयान दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी फलते-फूलते लोकतंत्र की पहचान हैं. यह भी कहा गया कि मंत्रालय ऐसे कदमों का स्वागत करता है जिससे किसानों के लिए भारत के बाजारों की कुशलता बढ़े और निजी क्षेत्रों की ओर से निवेश आए.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में संकेत दिया गया कि बाइडेन प्रशासन, कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए भारत सरकार के कदमों के समर्थन में है. मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘सामान्य तौर पर, हम ऐसे कदमों का स्वागत करते हैं, जिससे भारत के बाजारों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर का निवेश बढ़ेगा.’
भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर सवाल पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों के बीच बातचीत से समाधान निकाले जाने को बढ़ावा देता है. प्रवक्ता ने कहा, ‘हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण आंदोलन किसी भी लोकतंत्र की पहचान है और ध्यान दीजिए कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है.’
इस बीच, कई अमेरिकी सांसद किसान आंदोलन के समर्थन में आए हैं. सांसद हेली स्टीवन्स ने कहा कि ‘भारत में कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की खबरों से चिंतित हूं.’ एक बयान जारी कर उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से, किसानों के साथ बातचीत कर मामला सुलझाने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि हालात पर नजर रख रही हैं.
एक अन्य सांसद इलहान ओमर ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, ‘भारत को अपने मूलभूत लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी. सूचना की बेरोक-टोक आवाजाही की अनुमति दी जाए, इंटरनेट एक्सेस को फिर से शुरू किया जाए और इस आंदोलन को कवर करने के लिए हिरासत में लिए गए सभी पत्रकारों को रिहा किया जाए.’
इसके पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी, मीना हैरिस ने भी कहा था कि भारत के लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है.
Photograph Credits : File Photo